नई सुबह के साथ नया कदम
अपने अनुभव से देखा और जाना है अगर आप सच्चाई और ईमानदारी के बल पर आगे बढ़ते हैं तो देनी पड़ती है आपको ख़ुद की आहुति। गर बात करते हों संस्कार और संस्कृति की , रमने लगते हो इनमे तब फ़िर मांगी जाती है आपसे आपकी आहुति । और तो और समिधा की तरह जलना भी ख़ुद ही होता है । चलिये देखते है जीवन यज्ञ में कैसी- कैसी आहुतियाँ हैं ।
4 टिप्पणियां:
सच है आहुती तो देनी पड़ती है...
पर आग में जलने पर ही तो सोना भी कुंदन बनता है...
---मीत
बहुत सही लिखा है आपने
नए ब्लाग के लिए शुभकामनाएं
लिखते रहिए
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत अच्छा िलखा है आपने । नए साल में यह सफर और तेज होगा, एेसी उम्मीद है ।
नए साल का हर पल लेकर आए नई खुशियां । आंखों में बसे सारे सपने पूरे हों । सूरज की िकरणों की तरह फैले आपकी यश कीितॆ । नए साल की हािदॆक शुभकामनाएं
मैने अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है- आत्मविश्वास के सहारे जीतें जिंदगी की जंग- समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
नववर्ष की शुभकामनाएँ
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