tag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post5847127315292558185..comments2023-07-07T00:49:02.044-07:00Comments on aahuti: हरेराम की डायरी shelleyhttp://www.blogger.com/profile/12438659284260544490noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-67296994368517295302009-01-10T06:37:00.000-08:002009-01-10T06:37:00.000-08:00मार्मिक एवं संवेदनापूर्ण कहानी है !शिल्पगत कई कमिय...मार्मिक एवं संवेदनापूर्ण कहानी है !<BR/><BR/>शिल्पगत कई कमियों के बावजूद भी <BR/>पुरस्कार के योग्य है रचना ! <BR/><BR/>इस कहानी को पढ़ते हुए हुए मुझे <BR/>बरबस "फिल्म- मुन्ना भाई एमबीबीएस" <BR/>की याद आ गई ! फिल्म का एक सीन <BR/>जो कि मेरा पसंदीदा सीन था, जिसमें <BR/>मुन्ना भाई संजय दत्त)अस्पताल के सफाई <BR/>कर्मचारी से गले लगकर कहते हैं कि <BR/>"सब मरीज लोग डाक्टर और नर्स को ही <BR/>थैंक्यू बोलते हैं और तुम जो सबका <BR/>कचरा-गन्दगी साफ करते हो , तुम्हे <BR/>काहे को थैंक्यू नही बोलता सबलोग,<BR/>आज मैं तेरे को थैंक्यू बोलता है !" <BR/>यह कहते हुए मुन्ना भाई प्यार की <BR/>झप्पी देता है ! <BR/><BR/>मेरे लिए यह द्रश्य अविस्मरनीय बन गया ! <BR/>कितना सच्चा और ह्रदयस्पर्शी ! <BR/>लोगों का व्यवहार रिक्शेवालों, मोची, कुलियों <BR/>या अन्य मेहनतकश लोगों के प्रति अश्प्रश्यतापूर्ण <BR/>क्यूँ रहता है ? मैं अक्सर होटल वगैरह में काम <BR/>करने वाले लड़कों को देखता हूँ उनको लोग- <BR/>अबे ,,,,सुन बे..जैसे संबोधन से पुकारते हैं ! <BR/>हम इनका बचपन उन्हें नहीं दे सकते तो क्या थोड़ी <BR/>आत्मीयता भी नहीं दे सकते ! <BR/>अपने एनजीओ के प्रोजेक्ट के दौरान मैंने देखा है कि <BR/>ऐसे भी बच्चे हैं जिनकी उम्र महज 12-13 साल है, <BR/>लेकिन उनके कन्धों पर 5-6 लोगों के परवरिश की <BR/>जिम्मेदारी है ! <BR/>यह सब देखकर बाल अधिकार जैसी बातें खोखली लगती हैं !प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-80088943070812909652009-01-08T23:58:00.000-08:002009-01-08T23:58:00.000-08:00is maarmik rachana ke liye badhai...insaani rishte...is maarmik rachana ke liye badhai...insaani rishte bi agar samaj liya jaayen to phir koi baat hi kahan ..<BR/><BR/>is amulay rachan ke liye badhai ..<BR/><BR/>maine kuch nai nazme likhi hai ,dekhiyenga jarur.<BR/><BR/><BR/>vijay <BR/>Pls visit my blog for new poems:<BR/>http://poemsofvijay.blogspot.com/vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-19074188468944211512009-01-08T02:43:00.000-08:002009-01-08T02:43:00.000-08:00बहुत ही अच्छी व मार्मिक कहानी लिखी है आपने शेली ज...बहुत ही अच्छी व मार्मिक कहानी लिखी है आपने शेली जी। आदमी के अंदर की इंसानियत को झकझोरनेवाली ऐसी कहानियों को ही पुरस्कार मिलना चाहिए। खेती की व्यवस्तता की वजह से कुछ दिनों के लिए ब्लॉगजगत से दूर था। आज आपके पुराने ब्लॉग पर गया तो सब कुछ हनी हनी के हनी के अवसान की सूचना देखी। ये हनी कौन था यह जिज्ञासा मन में बनी रह गयी।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-27354242175154108562009-01-08T01:25:00.000-08:002009-01-08T01:25:00.000-08:00कहानी बहुत बड़ी थी इसलिए सरसरी पढ़ पाया -बीच बीच मे...कहानी बहुत बड़ी थी इसलिए सरसरी पढ़ पाया -बीच बीच में कुछ लाइने छोड़ भी दीं /नवलेखन का पुरस्कार मिला उसके लिए दो साल बाद अब बधाई ;और आज प्रस्तुत करने के लिए धन्यबादBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-19105814978430085292009-01-07T16:49:00.000-08:002009-01-07T16:49:00.000-08:00पुरस्कार के लिये बधाई! आप जबलपुर से हैं ये जानकर अ...पुरस्कार के लिये बधाई! आप जबलपुर से हैं ये जानकर अच्छा लगा, ये मेरा भी शहर है।नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-34979615012168344892009-01-07T03:01:00.000-08:002009-01-07T03:01:00.000-08:00बड़ी सशक्त व्यथा कथा है हरेराम की ! अमिट प्रभाव छो...बड़ी सशक्त व्यथा कथा है हरेराम की ! अमिट प्रभाव छोड़ने वाली इस रचना के लिए बधाई और आभार भी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-1835440224530374242009-01-06T17:41:00.000-08:002009-01-06T17:41:00.000-08:00शैली जी, बहुत ही मार्मिक रचना है., दिल को एकदम से ...शैली जी, बहुत ही मार्मिक रचना है., दिल को एकदम से छू लेने वाली. पुरस्कार के लिए बधाई!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3294965713516421580.post-70855566021469420182009-01-06T12:23:00.000-08:002009-01-06T12:23:00.000-08:00नमस्कार, अजी हम ने इस हरे राम की पुरी कहानी आप के ...नमस्कार, अजी हम ने इस हरे राम की पुरी कहानी आप के यहां पढी , ओर आंखो से देखी भी है, ओर मै हमेशा इस सब के लिये लडा भी हुं वेसे तो मेने कभी भी नोकर रखा नही,भारत मै भी , अपने काम खुद ही किये, लेकिन कई बार जब कभी नोकर मिल जाये तो उसे नोकर कभी नही समझा, बहुत ही मार्मिक स्थिति है भारत मै , लोग कितना पुजा पाठ करते है, लेकिन इंसान को इंसान नही समझते,<BR/>लेकिन जो लोग ऎसा करते है, वो कभी सुखी नही हो पाते,<BR/>आप ने सच मै इन लोगो का दुख बहुत नजदीक से देखा ओर महसुस किया है.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com